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Punjab Weather: इस मौसम का सबसे कम तापमान जालंधर में रिकॉर्ड, कई जिलों में घने कोहरे का अलर्ट; जानें ताजा मौसम स्थिति

Punjab Weather: पंजाब में इस समय सर्दी बढ़ने के संकेत मिल रहे हैं। बुधवार को इस मौसम का अब तक का सबसे कम तापमान 9.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि दिन का तापमान 26 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहा। मौसम विभाग ने 30 नवंबर तक पंजाब के विभिन्न हिस्सों में घने कोहरे के आने का अनुमान जताया है, और इसके मद्देनजर येलो अलर्ट जारी किया है। यदि मौसम विभाग का पूर्वानुमान सही साबित होता है, तो इस सप्ताह न्यूनतम तापमान 8 डिग्री सेल्सियस तक गिर सकता है। इसके साथ ही हल्की सर्द हवाएं भी चलने की संभावना है।

तापमान में गिरावट और ठंड बढ़ने की संभावना

पंजाब के मौसम में नवंबर के आखिरी सप्ताह में ठंड का असर तेजी से बढ़ने लगा है। पिछले कुछ दिनों से रात का तापमान 7 डिग्री सेल्सियस तक गिर चुका है। बुधवार को पंजाब के चार जिलों में तापमान 7 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जिनमें रूपनगर, फाजिल्का, पटियाला और पठानकोट शामिल हैं। जबकि फतेहगढ़ साहिब, फारिदकोट और एसबीएस नगर में तापमान 9 डिग्री सेल्सियस के आसपास था। बाकी जिलों में तापमान 9 से 10 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया गया। दिन के समय का तापमान 24 से 26 डिग्री सेल्सियस तक रिकॉर्ड किया गया।

Punjab Weather: इस मौसम का सबसे कम तापमान जालंधर में रिकॉर्ड, कई जिलों में घने कोहरे का अलर्ट; जानें ताजा मौसम स्थिति

घने कोहरे का अलर्ट

मौसम विभाग के अनुसार, 29 नवंबर तक पंजाब के कई जिलों में घने कोहरे का प्रभाव देखने को मिल सकता है। खासकर लुधियाना, जालंधर, पटियाला, मोगा, अमृतसर, होशियारपुर और चंडीगढ़ में कोहरे का असर ज्यादा रहेगा। इन जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है, जिसमें यात्रियों को घने कोहरे में यात्रा से बचने की सलाह दी गई है। मौसम विभाग का कहना है कि इस दौरान दृश्यता कम हो सकती है, जिससे सड़क पर यात्रा करने में मुश्किलें हो सकती हैं।

वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) का प्रभाव

वहीं, पंजाब में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) भी चिंता का विषय बना हुआ है। 20 घंटों में AQI कभी भी 100 से नीचे नहीं गया, जिसका मतलब है कि हवा में प्रदूषण का स्तर बढ़ा हुआ है। इस दौरान AQI का न्यूनतम स्तर 134 रहा। पूरे दिन के दौरान AQI का स्तर पीला और नारंगी अलर्ट के बीच चलता रहा और इस दौरान AQI का औसत 185 रिकॉर्ड किया गया।

मौसम विशेषज्ञ डॉ. दलजीत सिंह का कहना है कि तापमान में गिरावट के साथ-साथ AQI की स्थिति में भी बदलाव देखने को मिल सकता है। उन्होंने कहा कि इस समय पर पराली जलाने की घटनाओं में कमी आई है, लेकिन फिर भी AQI में बढ़ोतरी यह संकेत देती है कि प्रदूषण के अन्य स्रोत सक्रिय हैं। इसके कारण वातावरण में प्रदूषण की मात्रा में वृद्धि हो रही है, जिससे सांस लेना मुश्किल हो सकता है और स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

वायु प्रदूषण के कारण और उससे निपटने के उपाय

वायु प्रदूषण के स्तर में वृद्धि के कारणों में से एक मुख्य कारण पराली जलाना था, जो अब कम हो गया है। हालांकि, अन्य प्रदूषण स्रोत जैसे वाहन प्रदूषण, निर्माण कार्यों से निकलने वाली धूल, और उद्योगों से निकलने वाले प्रदूषण भी हवा की गुणवत्ता को प्रभावित कर रहे हैं। इन प्रदूषण स्रोतों से निपटने के लिए राज्य सरकार को ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है, जैसे कि सख्त प्रदूषण नियंत्रण नियमों को लागू करना और सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देना।

पंजाब के नागरिकों को भी खुद को सुरक्षित रखने के लिए कुछ उपायों का पालन करना चाहिए। जैसे कि घने कोहरे और प्रदूषण के कारण सड़क पर यात्रा करते समय फॉग लाइट का उपयोग करें, मास्क पहनें, और खुले में ज्यादा समय बिताने से बचें। इसके अलावा, वायु गुणवत्ता के स्तर को बनाए रखने के लिए सरकार को लगातार निगरानी और सुधारात्मक उपायों को लागू करना चाहिए।

मौसम विशेषज्ञ की राय

मौसम विशेषज्ञ डॉ. दलजीत सिंह ने बताया कि पंजाब में सर्दी का असर बढ़ने के साथ-साथ प्रदूषण की स्थिति भी गंभीर हो सकती है। हालांकि, पराली जलाने की घटनाओं में कमी आई है, लेकिन प्रदूषण के अन्य स्रोतों के कारण हवा में गंदगी बनी हुई है। मौसम विभाग का मानना है कि आने वाले दिनों में तापमान में और गिरावट हो सकती है, जिसके कारण ठंड का असर और बढ़ेगा। इसके साथ ही प्रदूषण की स्थिति में भी कुछ सुधार हो सकता है, यदि सरकार और नागरिक मिलकर प्रदूषण कम करने की दिशा में प्रयास करें।

पंजाब में इस मौसम का सबसे कम तापमान रिकॉर्ड किया गया है और आने वाले दिनों में ठंड में और बढ़ोतरी हो सकती है। इसके साथ ही, वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) भी चिंता का विषय बना हुआ है, जो प्रदूषण का संकेत देता है। मौसम विभाग ने घने कोहरे के कारण यात्रा करने वालों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है और वायु प्रदूषण से बचने के लिए जरूरी उपायों की सलाह दी है। यह समय है जब राज्य सरकार और नागरिकों को मिलकर प्रदूषण को कम करने और सर्दी से बचने के उपायों को लागू करने की आवश्यकता है।

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